संदेश

जब खिलेगा नव अंकुर

मानसून से पहले फूटेगा नव अंकुर सख्त मिट्टी को नर्म हाथों से कुरेदेगा नव अंकुर बादलों के गरजने, बूंदों के टपकने का नहीं होगा इंतजार काली रात को चीरकर, सूर्य के स्वागत में पीली पत्ती पर हो जैसे ओस मेघ की प्यासी धरती पर ऐसा दिखेगा नव अंकुर शुभ काल में फूटेगा किसलय काल चक्र की गति को मात देकर फूटेगा किसलय वसुधा की सूनी गोदी में खेलेगा नव अंकुर नव कोंपल, नव पल्लव, नव किसलय खिल उठेगी पवन, बिखरेगा पराग श्रम से निकले स्वेद को घने विराट वट को हंसाएगा नव अंकुर

स्टीव को श्रद्धांजलि

स्टीव जॉब्स का ये बेहद मशहूर भाषण है जो उन्होंने स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में दिया था. बेहद प्रेरणादायी है. उम्मीद है आप लोगों को पसंद आएगा. स्टीव जॉब्स का मशहूर स्टेनफोर्ड स्पीच मैं आज यहां दुनिया की सबसे बढ़िया यूनिवर्सिटी में से एक से आपके दीक्षांत समारोह में आकर खुद को सम्मानित महसूस कर रहा हूं. मैंने कभी कॉलेज से पढ़ाई पूरी नहीं की. सच कहूं तो आज ही मैं ग्रेजुएशन के सबसे करीब पहुंच पाया हूं. आज मैं आपको अपनी जिंदगी से तीन कहानियां सुनाना चाहता हूं. कोई बड़ी बातें नहीं, सिर्फ तीन कहानियां. पहली कहानी है बिखरी कड़ियों को जोड़ना. मैं रीड कॉलेज में सिर्फ छह महीने पढ़ा और अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ दी थी. लेकिन इसके बाद भी कॉलेज छोड़ने के पहले 18 महीने तक मैं कॉलेज के आसपास ही रहा. आखिर मैंने पढ़ाई अधूरी क्यों छोड़ी? इस सबकी शुरुआत हुई मेरे जन्म से भी पहले. मेरी असली मां कॉलेज छात्रा थी, उनकी शादी नहीं हुई थी. और उन्होंने मुझे गोद देने की पेशकश की. उनकी बड़ी इच्छा थी कि जो मुझे गोद लें वो कॉलेज ग्रेजुएट हों. तो ये तय हो गया कि जब मेरा जन्म ह

नमकीन कॉफी पी है???

ये कहानी कॉलेज में पढ़ी थी...दिल को छू जाने वाली कहानी है...उम्मीद है आपको भी पसंद आएगी उन दोनों की मुलाकात एक पार्टी में हुई थी.वो बेहद ख़ूबसूरत थी, कई लोग उससे दोस्ती करने को बेक़रार थे. जबकि उस लड़के पर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा था. वो बेहद सामान्य था. पार्टी ख़त्म होते-होते उसने हिम्मत जुटाई और उस लड़की को साथ कॉफी पीने का न्योता दिया. लड़की हैरान थी लेकिन उसने सभ्यता दिखाते हुए न्योता स्वीकार कर लिया. थोड़ी देर बाद दोनों एक शानदार कॉफी हाउस के एक कोने में बैठे थे. लड़का बेहद नर्वस था, कुछ भी नहीं कह पा रहा था. लड़की झिझक रही थी और उसकी इस चुप्पी से परेशान थी. मन ही मन में सोच रही थी कि अब इससे कहूं कि मुझे प्लीज़ घर जाने दो. अचानक...लड़के ने वेटर से कहा क्या आप मुझे थोड़ा सा नमक देंगे? सब लोग उसे ही देखने लगे...शर्म के मारे लड़के का चेहरा लाल हो गया...लेकिन उसने वेटर से नमक लिया और अपनी कॉफी में डाल लिया...लड़का कॉफी की चुस्कियां ले रहा था. आखिर लड़की ने पूछ लिया तुम नमकीन कॉफी क्यों पीते हो...लड़के ने कहा मैं जब छोटा था तब समंदर किनारे रहता था. फिर घर छूट गया लेकिन मेरे माता-पित

बिजली बिन सब सून

बिजली कटौती क्या है दिल्ली में पता नहीं चलता.क्योंकि कभी-कभी बिजली जाती है. मेरे गृह प्रदेश मध्य प्रदेश में ये पता नहीं चलता कि बिजली क्या है...क्योंकि वहां कटौती ही होती है बिजली नहीं....यही वो दुखड़ा है जिसने मुझे सबसे ज्यादा प्रेरित किया ब्लॉग बनाने के लिए.... कोई 2 महीने पुरानी बात है, मैं अपने घनिष्ठ मित्र रोहित यानी पप्पू कुमार और भावना की शादी में शामिल होने के लिए धार के सिंघाना गया. दिल्ली से इंदौर तक का सफर ठीक था. इंदौर में बिजली कटौती से सामना हुआ लेकिन जब तक वहां बिजली नहीं रहती उस समय तक अपन सोये रहते हैं..तो पता नहीं चला. बिजली कटौती कितनी विकराल है और क्या हालत है ये तो धार में ही पता चला. जैसे-तैसे साढ़े छह घंटे के सफर के बाद मैं सिंघाना पहुंचा...जगह-जगह रास्ते में भी शादियों के जुलूस मिले...मज़ा आ रहा था देखकर...लेकिन सिंघाना पहुंचा तो दंग रह गया. मैं पहुंचा तब तक मेहमान खाना खा चुके थे, रिसेप्शन खत्म होने को था. इन शॉर्ट मालवी में पत्तल-दूना उठाने को काम चल रियो थो. खैर जैसे-तैसे शुभकामनाएं दीं....अपनी पत्नी ऋचा को दिखाने के लिए और अपने जिगरी छतर सिंह को दिखाने

मेरी पहली पोस्ट

ये मेरी पहली पोस्ट है...काफी दिन से सोच रहा था अपना ब्लॉग बनाऊं...आज से शुरुआत करने की ठानी है.... उत्साहवर्धन करेंगे तो अच्छा लगेगा.